#गौरी_लंकेश_मां_को_रंडी_बता_गई_फिर_पत्रकार_बनी_और_मर_गई

संघियों,
यदि तुम्हारी मां ने स्वतंत्रता पूर्वक सेक्स ( संभोग) नहीं किया है- मतलब सेक्स स्वतंत्रता पसंद तरीके से नहीं हुआ तो इसके दो अलग अलग अर्थ निकलते हैं-
1. तुम बलात्कार की पैदाइश हो
या फिर
2. सेक्स वर्कर या कह लो कि रंडी की पैदाइश हो जो संभोग आनंद के लिए नहीं बल्कि पैसों के लिए करती हैं। संघियों अब पसंद तुम्हारी है. या तो तुम ये भी कह सकते हो कि तुम्हारी मां स्वतंत्र रूप से सेक्स के लिए शामिल हो जाए...या उन नतीजों को चुन लो जो ऊपर विकल्पों में दिए गए हैं।
मैं कविता कृष्णन और उनकी साहसी मां के साथ खड़ी हूं। संयोग से, मैं अपनी माँ और पिता के स्वतंत्र संभोग से उत्त्पन्न हुई संतान हूँ। मुझे उनकी बेटी होने पर गर्व है।
....अच्छा ये ख़त Ajit Anjum जी, Ravish Kumar जी, Anita Misra जी ने पढ़ा क्या ? तथाकथित पत्रकार गौरी लंकेश ने लिखा है...एक पत्रकार जो लोगों की मां को रंडी बना देती है...पिता के साथ संबंध की बात पर स्वच्छंदता जाहिर करती है...बलात्कार की पैदाइश बताती है। वाकई से दिग्गजों को तो आप ही पत्रकार बता सकते हैं। प्रेस क्लब में ऐसे लोगों के लिए शोक जताया गया है....जिसमें वो कन्हैया शामिल रहा है, सियासतदां शामिल रहे हैं। देख लीजिए किसी की मां को रंडी बोलना कितना आसान हो गया है। ये पोस्ट खुद गौरी लंकेश ने की है, मैंने 24 मई 2016 का स्टेटस निकाला है...देखिए दरिद्रता की पराकाष्ठा.....
अच्छा यूपी के एक रीजनल चैनल में अजीत अंजुम साहब आप विलाप करते नजर आ रहे थे कि कैसे कोई कुतिया...डायन लिख सकता है। इस खत को गौर से पढ़ लिया हो तो सोचिए कि जवाब कि कैसी उम्मीद की जा सकती है। शायद आपको भी अपनी गलती पर पछतावा हो रहा हो, रही बात रवीश कुमार जी की तो वो तो पर्दा हरा-पीला, नीला-लाल करते ही रहेंगे।

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