#कन्हैया_कुमार_ने_किया_क्या_है


गौरी लंकेश मरती हैं...और मरने में टेलीविजन चैनल गाना बजाते हैं 'बीजेपी विरोधी गौरी लंकेश की मौत'।। फिर कहा जाता है कि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या। जिससे तथाकथित पत्रकारों के कूल्हे भी हिल गए। बताया कि डर गया था। अच्छा एक बात बताईयेगा कि पत्रकार विरोधी हो सकता है क्या ? अगर हां तो निष्पक्षता के लंबे लंबे भाषण क्यों दिए जाते हैं। टारगेट सेट करके किसी पर वार करने की पत्रकारिता को वैसे क्या कहा जाता रहा है ? शायद 'दलाली'। हालांकि गौरी लंकेश दुनिया में नहीं हैं....निजी तौर पर मुझे दुख नहीं है...और जो दर्शा रहे हैं कि बेहद दुखी हैं तो उनका दुख महज हफ्ते भर के भीतर पुराने ढर्रे पर आ जाएगा..बहरहाल ये जान लीजिए कि मैं गौरी लंकेश को दलाल लिख रहा हूं। लिखने की वजह पहले बता चुका हूं। सियासी पार्टियों पर हमला कतई जुर्म नहीं है, लेकिन आस्थाओं पर प्रहार क्या बर्दाश्त करने के योग्य है। अगर हां तो वो लोग जो सहमति जता रहे हैं वो अपने मां-बाप की तस्वीरों को चप्पलों में छपवा लें..अपने बच्चों और अपनी पत्नी की तस्वीरों की अंडरवीयर बनवाकर मार्केट में उतारें। क्या है हिम्मत इतनी ? याद है शार्ली हेब्दो....पैगम्बर मुहम्मद के अपमान के बाद क्या हुआ था ? बुद्धि में उतार लीजिए कि यदि आस्थाओं पर वार होता है तो विनाश होगा...फिर उसमें क्या लंकेश और क्या विभीषण...अब दूसरे संदर्भ में आते हैं। कन्हैया कुमार और उमर ख़ालिद की मां थी गौरी लंकेश...जी हां ऐसा सोशल मीडिया में खुद ही लिखा गया है। मां होना कतई गुनाह नहीं...लेकिन ये भी याद होगा कि कन्हैया, उमर पर आरोप था कि जेएनयू कैंपस में भारत विरोधी नारे लगवाए गए थे। आजादी मांगने के लिए ये भारत को बख्शने को भी तैयार नहीं थे। सेना पर सवाल उठाया था इन्होंने। एक ऐसा वाकया जिसने पत्रकारिता को भी दो धड़ों में बांट दिया। लेकिन देश को पोटास के ढ़ेर में खड़ा करने की कोशिश करने वालों का तथाकथित पत्रकार समर्थन कर रहे हैं...सवाल कर रहे हैं कि कन्हैया ने किया क्या था ? देखिए लोगों की आस्था पर चोट का साम्राज्य कितना विस्तृत हो चुका है...ये लोग विचारधारा के नाम अपने मां-बाप, गौरी-गणेश, कुरान- बाइबल को फेंकने के लिए शायद एकदम तैयार हैं। हालांकि बाकी का तो नहीं पता लेकिन दक्षिणपंथ की सारी निशानियों को दफनाने पर अमादा हैं।
मत जलाओ घर महज़ नफरतों की ख़ातिर, तुम्हारे घर में भी कोई चिंगारी पड़ेगी।।

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